क्या कहूँ, हमेशा आपके आगे निशब्द, जमी का तिनका आखिर जमी से कहे क्या, कैसे गिनाए एहसान जिस मिट्टी में जन्म लिया, कहाँ से लाये शब्द उसे शुक्रिया कहने को.. कैसे कहे जन्म देकर ही खरीद लिया रोआँ, वो नहीं होते तो उठता ही न कहीं से धुआं.. कैसे कहे कोई बच्चा जो पूर्ण आश्रित हो, माता पिता को कुछ जब शब्द ही न मिले उसे.. ठीक यही स्थिति होती है मेरी भी माँ पापा, जब कोई कहे कुछ लिखूँ कुछ कहुँ आपके लिए, कैसे लिखेगी, कलम तो बस सजदा करेगी, जिससे जिंदगी मिली और आपके प्यार के लिए। ©Lata Sharma सखी #parentsday2021 #PARENTS #parent