आपके पहलू में आकर, हर गम को हमने भुला दिया। नसीब में थे गम ही गम, खुशियों से आपने मिला दिया। शुक्रगुजार है तह-ए-दिल से हम आपकी मोहब्बत के। आँसुओं को हटाकर आपने हमें, चाहत का सिला दिया। कुछ तो कशिश है आपमें, जो हम आपके होते गए। आँखों के जाम से आपने, जाने क्या ऐसा पिला दिया। अब तो रोम रोम आपके छुअन से सिहर उठता है। छूकर आपने बदन हमारा, सर से पैर तक हिला दिया। उस रब ने कुछ तो अच्छा लिखा था नसीब में हमारे। दुःख और कष्टों को मिटाकर, आपसे जो मिला दिया। ♥️ Challenge-556 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।