कम्खत आखे ना होती ना ये प्यार होता, ना मिलने बिछडने का इजहार होता, जो चाहत ना होती ना ये प्यार होता, ना मीरा को कान्हा से वो प्यार होता, ना मुक्कमल ये होती कहानी तुम्हारी, ना हिर और राझे का इजहार होता , ना मैफिल ये होती ना मैखाने होते, ना ये जाम होती ना पैमाने होते, बिछडकर कर सभी से जो सब खुश ही रहते, ना आखे ये होती ना ये बात बढते। #Love #by #tear