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किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझसे तू किसी और ह

किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझसे 

तू किसी और ही मौसम की महक लाई थी

डर रहा था कि कहीं ज़ख़्म न भर जाएँ मेरे

और तू मुट्ठियाँ भर-भर के नमक लाई थी

©Stranger Painful heart
किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझसे 

तू किसी और ही मौसम की महक लाई थी

डर रहा था कि कहीं ज़ख़्म न भर जाएँ मेरे

और तू मुट्ठियाँ भर-भर के नमक लाई थी

©Stranger Painful heart
krishna7659

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