जनाब - जनाब कहकर हम थक गये, वो इस कदर हमें अपना मान चुकें थे। के मदहोशियों में बह गये। हमनें कहा जनाब- मदहोशियाँ बहकनें से नहीं आती। कुछ महक जाईये अपनो कि जिन्दंगी मे, कुछ बहक जाईयें सपनो कि जिन्दंगी में।। महकर और बहकर तो देखिये ये मदहोशियाँ है। बङे काम कि,, जनाब#मदहोशियाँ#अपने#बहकना#महकना#nojotohindi#nojotosayari.....☺