प्रियतम के याद में आँसू बहाते सभी विरहिणी की व्यथा न कहते कभी ज्योती बन जले विरह वेदन में जो भी बिछड़े बलम से तो फिर मिले न कभी भूले नहीं भूलाती यशोधरा की वो बातें काश! सखी वो मुझसे कह कर जाते शकुंतला की वो ह्दयविदारक अलापें आपहीं हमको बिसरे, बेहतर हम मर जाते ! #विरहिणी_कच्ची सड़क