हम तुम चाहता हूं भूलना भूला क्यों नहीं पाता मुझे तेरे जैसा हुनर क्यों नहीं आता तू भी मुझे चाहती है यह बहम मेरे दिल से क्यों नहीं जाता अब इसी गम में चाहता हूं जीना ,जीना क्यों नहीं आता मैं चाहता हूं वफा कर ना तुझे यह लफ्ज़ क्यों नहीं आता ख्वाब है हकीकत नहीं मुझे यह समझ क्यों नहीं आता अब रास्ता रास्ता कट रही है जिंदगी जीना क्यों नहीं आता चाहता हूं भूलना भुला क्यों नहीं पाता तू मुझे बुला रही है फिर भी मरना क्यों नहीं आता तू भी मुझे चाहती है यह बहन मेरे दिल से क्यों नहीं जाता चाहता हूं भूलना भुला क्यों नहीं पता Uday ©Uday Singh chahta hun bhul Na bula kyon nahin pata #PoetInYou kumbh lkomla