ज़िने के भी क्या-क्या बहाने लगेंगे मुझे जब तेरे ख़्वाब आने लगेंगे नदी का हूँ मैं छोड़ इक, दूसरा तू मिलेंगे वहाँ जां मुहाने लगेंगे खुशी तब मिलेगी मेरी माँ को हमसे किसी दिन अगर हम कमाने लगेंगे तिरी इक तवील-ए-नज़र देख के हम दिवारों पे चेहरा बनाने लगेंगे बहार-ए-चमन और दिल साफ़ पूरा रो ने पर तुझे हम मनाने लगेंगे क़यामत बनेगी वो इक रात फिर से तिरी बाहों के जब सिराने लगेंगे कू-ए-यार से इक भी रक्खा न शिकवा हमें मिलने में पर ज़माने लगेंगे ©Badal Ragg #ink_less #love #gazal #Life #MyJourneyWithNojoto gudiya Anshu writer POETICPOOJA Mamta Pooja Asija