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‼️पंच परमेश्वर‼️ @amar anand

‼️पंच परमेश्वर‼️                     @amar anand
 पंच भी परमेश्वर है , ऐसा तुम मत मान लो
स्वार्थ ही सर्वस्व है , सत्य विचार जान लो

वह समय कुछ दौर था , जो अब कहीं है खो गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

फासले कितनी भी हो , वह तुम्हारे अपने हैं
गलतियां कैसी भी , हो सही तुम्हारे सपने हैं

दानव अपने  प्रलोभ से , दरारें और बढा गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्यायमित्र अब बिक गया

गलतियां फासलों को गौण कर , बचपनों को झांक लो
दुख दर्द एक दूसरे के ,  व्याकुल हो फिर बांट लो

इशारों से अब नजारे बदले , वह समय अब आ गया      
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

घर बंटे दूसरे विचार से , त्याग ना प्रावधान हो
खुद का मामला है प्यारे , खुद ही सावधान हो

फासले फायदे के सौदे , दानव बाजार सजा गया
 फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

भाव के भूखे नहीं ,  पंच परमेश्वर जान लो
उनके आहार जमीन माल , पर विचार न ज्ञान लो

तुम्हारी दूरियां बढ़ा के , मंजिल अपनी बसा गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

सारंग हो या दानव भुजंग , सबका एक ही ध्यान हो
समाज का भंडारा बना के , प्रसाद अपनों में बांट लो

इन्हीं अमावस अंधेरे मिटाने , विचार अमर  आ गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया 






 #पंच परमेश्वर
‼️पंच परमेश्वर‼️                     @amar anand
 पंच भी परमेश्वर है , ऐसा तुम मत मान लो
स्वार्थ ही सर्वस्व है , सत्य विचार जान लो

वह समय कुछ दौर था , जो अब कहीं है खो गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

फासले कितनी भी हो , वह तुम्हारे अपने हैं
गलतियां कैसी भी , हो सही तुम्हारे सपने हैं

दानव अपने  प्रलोभ से , दरारें और बढा गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्यायमित्र अब बिक गया

गलतियां फासलों को गौण कर , बचपनों को झांक लो
दुख दर्द एक दूसरे के ,  व्याकुल हो फिर बांट लो

इशारों से अब नजारे बदले , वह समय अब आ गया      
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

घर बंटे दूसरे विचार से , त्याग ना प्रावधान हो
खुद का मामला है प्यारे , खुद ही सावधान हो

फासले फायदे के सौदे , दानव बाजार सजा गया
 फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

भाव के भूखे नहीं ,  पंच परमेश्वर जान लो
उनके आहार जमीन माल , पर विचार न ज्ञान लो

तुम्हारी दूरियां बढ़ा के , मंजिल अपनी बसा गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया

सारंग हो या दानव भुजंग , सबका एक ही ध्यान हो
समाज का भंडारा बना के , प्रसाद अपनों में बांट लो

इन्हीं अमावस अंधेरे मिटाने , विचार अमर  आ गया
फैसला निष्पक्ष था , वह न्याय मित्र अब बिक गया 






 #पंच परमेश्वर
amaranand9347

Amar Anand

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