चांदनी रात के ख़ामोश तारे को पता है जज्बातों को धागा बनाकर तेरी मेरी उंगलियों का करघा सा बना आंखों में तेरी ख्वाहिशें में चुनने लगा इस और से तू अपनी चाहतो में कढ़ाई बुनने लगी उस ठौर से बहुत हि नरम उंगलियों से बनाया वो रेशमी रुमाल देखु जब नाम ~ ए ~ तेरा यार हुवा तीर ~ ए ~ दिल के ऐसे पार टूटा महल ~ ए ~ जूठा प्यार क्या महज था मैं कारीगर #reshmikhanjar #naajukzehar #nojoto #nojotohaldwani #december