शहर का सारा दर्द समेट कर गाँव चला जाऊ , गाँव के छोटे से झोंपड़े में फिर से बसना चाहूँ | नींद भी सुकूँ भरी कहाँ आती अब शहर में, सुकून भरी नींद की खातिर गाँव जाना चाहूँ | शहर नहीं देता मुझे समय दोस्ती का , उस दोस्त की दोस्ती की खातिर गाँव जाना चाहूँ , अपना हाल इस शहर में क्या बताऊँ मैं तुम्हें , खुद से मिलने की खातिर गाँव जाना चाहूँ मैं । (जोशी दुर्गेश)😑😔✍️❤️❤️🙏 #nojoto #nojotolove #village #city #mumbai #rajasthan #poets #poet #storys #love #zindgi @