मुश्किल घड़ी और दोस्त थाम कर जो साथ दे दोस्ती में वो बात है यारों राहें सफर में खुश नसीबी की सौगात है यारों। बिन जिनके जहां सूना सूना सा लगता हैं हर घड़ी हर दौर में ,दोस्ती एहतियात हैं यारों। अगर गिरूँ तो सम्भाले वो आकर मुझको होते है मुताखिब, तो लगता खुदा साथ है यारों। एक एक से भले दो दुनिया कहती हैं मेरी नजर में , ग्यारह की करामात हैं यारो। थाम कर हाथ दिले जो नशीन होता हो, खुदा से बढ़ कर दोस्ती में वो बात है यारों। जख्म में खाऊँ दर्द उसको हो, रिश्तों से भी बड़े दोस्ती में ,जज्बात हैं यारों। क्या लिखूँ दोस्त तेरी मेहर पर ओर #राय नहीं दोस्तों से बढ़कर कोई दम ,साथ यारों। dosti ehtiyat hai yaron