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Guru Purnima है गुरू वही जो सह सके निज शिष्य हित

Guru Purnima है गुरू वही जो सह सके 
निज शिष्य हित अपमान को 
अर्जुन वचन कि रक्षा के हित 
रूष्ट कर भिलबाल को 
है जगत कहता सदा वे कैसे गुरू श्री द्रोण थे 
बिन कुछ सिखा अंगुष्ठ मांगे कैसे दृष्टिकोण थे
 दे दिया गुरु ने यदि आशीष विश्वजीत का
तो मार्ग में आने न दे शर कोई किसी अजीत का गुरु वही है......
   #kalamse #nojotohindi #nojoto
Guru Purnima है गुरू वही जो सह सके 
निज शिष्य हित अपमान को 
अर्जुन वचन कि रक्षा के हित 
रूष्ट कर भिलबाल को 
है जगत कहता सदा वे कैसे गुरू श्री द्रोण थे 
बिन कुछ सिखा अंगुष्ठ मांगे कैसे दृष्टिकोण थे
 दे दिया गुरु ने यदि आशीष विश्वजीत का
तो मार्ग में आने न दे शर कोई किसी अजीत का गुरु वही है......
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