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हाँ! ईश्वर ने हर बार हर कठिनतम परीक्षा के लिए मुझे

हाँ! ईश्वर ने हर बार हर कठिनतम परीक्षा के लिए मुझे चुना। हर बार अप्रत्याशित घटनाओं का सामना मैंने किया।
लेकिन उन्होंने इन परीक्षाओं के दौरान मेरा हाथ नहीं छोड़ा। दुःख से बाहर निकल पाने के रास्ते उन्होंने गढ़े। अभी भी उनका साथ महसूस होता है उनके आशीष,अपनों के साथ और सबकी दुआओं प्रार्थनाओं के मज़बूत सहारे, ये कठिन वक़्त गुज़र जाएगा, बार बार यही प्रतीत होता है।

मैं कृतज्ञ हूँ ईश्वर, मेरे माता पिता, अन्य परिजनों सहित कुछ रिश्तेदारों और मित्रों की, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरे साथ इस कठिन दौर में खड़े हैं। उन सबका साथ संबल देता है।
इस जानलेवा जंग को जीतना माँ-पापा के बिना निश्चित ही मुश्किल होता। 
आत्मबल मुझे माँ, पापा और मम्मा से विरासत में मिला है। उन्होंने भी अनगिनत विषम परिस्थितियाँ देखीं, मगर कभी हार नहीं मानी, साहस नहीं खोया। उनका वह साहस हमें अब खुद में भरना है। 
हर मुश्किल घड़ी में ईश्वर किसी न किसी के रूप में राह दिखाते प्रतीत हुए। कभी माता पिता कभी मित्र कभी विभिन्न रिश्तों के रूप में प्रकट हो, उन्होंने सही मार्ग प्रशस्त किया। 

छह-सात महीनों की इस कठिन यात्रा में, जाने कौन-कौन से रंग दिखाएगा जीवन! न जाने कौन से मोड़ कौन से पड़ाव आएंगे और इंसान के रूप में न जाने और कितनी बार ईश्वर के स्वरूप के दर्शन करने को मिलेंगे!
बेहद भाग्यशाली हैं हम कि हमें ईश्वर सदैव अपने करीब रखना चाहते हैं। उनके सानिध्य की दिव्य अनुभूतियाँ हमें करवाना चाहते हैं। कोटि कोटि प्रणाम के साथ...

मन के मोती 21 अप्रैल 202

©Divya Joshi
  कृपा तेरी
हाँ! ईश्वर ने हर बार हर कठिनतम परीक्षा के लिए मुझे चुना। हर बार अप्रत्याशित घटनाओं का सामना मैंने किया।
लेकिन उन्होंने इन परीक्षाओं के दौरान मेरा हाथ नहीं छोड़ा। दुःख से बाहर निकल पाने के रास्ते उन्होंने गढ़े। अभी भी उनका साथ महसूस होता है उनके आशीष,अपनों के साथ और सबकी दुआओं प्रार्थनाओं के मज़बूत सहारे, ये कठिन वक़्त गुज़र जाएगा, बार बार यही प्रतीत होता है।

मैं कृतज्ञ हूँ ईश्वर, मेरे माता पिता, अन्य परिजनों सहित कुछ रिश्तेदारों और मित्रों की, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरे साथ इस कठिन दौर में खड़े हैं। उन सबका साथ संबल देता है।
इस जानलेवा जंग को जीतना माँ-पापा के बिना निश्चित ही मुश्किल होता। 
आत्मबल मुझे माँ, पापा और मम्मा से विरासत में मिला है। उन्होंने भी अनगिनत विषम परिस्थितियाँ देखीं, मगर कभी हार नहीं मानी, साहस नहीं खोया। उनका वह साहस हमें अब खुद में भरना है। 
हर मुश्किल घड़ी में ईश्वर किसी न किसी के रूप में राह दिखाते प्रतीत हुए। कभी माता पिता कभी मित्र कभी विभिन्न रिश्तों के रूप में प्रकट हो, उन्होंने सही मार्ग प्रशस्त किया।
divyajoshi8623

Divya Joshi

Silver Star
Growing Creator

कृपा तेरी हाँ! ईश्वर ने हर बार हर कठिनतम परीक्षा के लिए मुझे चुना। हर बार अप्रत्याशित घटनाओं का सामना मैंने किया। लेकिन उन्होंने इन परीक्षाओं के दौरान मेरा हाथ नहीं छोड़ा। दुःख से बाहर निकल पाने के रास्ते उन्होंने गढ़े। अभी भी उनका साथ महसूस होता है उनके आशीष,अपनों के साथ और सबकी दुआओं प्रार्थनाओं के मज़बूत सहारे, ये कठिन वक़्त गुज़र जाएगा, बार बार यही प्रतीत होता है। मैं कृतज्ञ हूँ ईश्वर, मेरे माता पिता, अन्य परिजनों सहित कुछ रिश्तेदारों और मित्रों की, जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरे साथ इस कठिन दौर में खड़े हैं। उन सबका साथ संबल देता है। इस जानलेवा जंग को जीतना माँ-पापा के बिना निश्चित ही मुश्किल होता। आत्मबल मुझे माँ, पापा और मम्मा से विरासत में मिला है। उन्होंने भी अनगिनत विषम परिस्थितियाँ देखीं, मगर कभी हार नहीं मानी, साहस नहीं खोया। उनका वह साहस हमें अब खुद में भरना है। हर मुश्किल घड़ी में ईश्वर किसी न किसी के रूप में राह दिखाते प्रतीत हुए। कभी माता पिता कभी मित्र कभी विभिन्न रिश्तों के रूप में प्रकट हो, उन्होंने सही मार्ग प्रशस्त किया। #ज़िन्दगी

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