रुक्सत लू अब इन ख्वाबो कि दुनिया से कि हर लम्हा हकीकत का डराता हैं तेरे खयालो से अच्छी, तो मेरी बेखयाली है ना तुझें पाने कि कशिश, ना तेरे जाने का गम. #ना तुझे पाने कि कशिश, ना तेरे जाने का गम#