तेरा इंतज़ार है मुझे जैसे बंजर खेत खलिहान को बरसात का होता है, इंतज़ार में तेरे मेरे दिल का एक कोना हरदम वीरान रहता है। तू इन्द्रधनुष है मेरा, मेरे सारे रंग समाहित तुझमें, मौसम हो कैसा भी, तेरे साथ वाला मौसम ही मेरा चहेता है। आधुनिक से इस दौर में तुम मुझे ख़त लिखा करना खूब, सादगी पर मेरी तुम फ़िदा होना, दिखावे का दीवाना तो ज़माना है। खुशियों में अपनी तुम मुझसे चाहे मुंह फेर लेना, पर ज़िन्दगी की शाम में तुम्हें आवाज़ मुझे देना है। ईद मना लेंगे दीदार से तेरे, होगी दीवाली भी ख़ूब रौशन, तुम कभी कभी आकर के अपना चेहरा दिखला देना। "नज़र" को चाह नहीं किसी और चीज़ की तुमसे, बस अपने नाम का चुटकी भर सिंदूर तुम माँग में मेरी सजा देना। ♥️ Challenge-678 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।