मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना गमों में डूबी हुई मेरी ज़िंदगानी लिखना लिखना के मेरे होंठ हँसी को तरसे कैसे बहता है आँखों से पानी लिखना जब भी प्यार से मुझे कोई देखता था. मेरी आँखों से झलकती मेहरबानी लिखना लिखना की मुझे किसी से मुहब्बत हुई थी और फिर इस मुहब्बत में हुई नाकामी लिखना लिखना की मुझे कभी कोई समझ नही पाया और तुम ना करती थी मेरी परवाह लिखना मेरे एक एक पल से तो तुम वाकिफ़ हो इस लिए मेरी कहानी अपनी ज़ुबानी लिखना..... ©rn nishad