नमस्कार! स्कूली बातें पार्ट- ।। में आपका स्वागत है ।
12 वीं में मेरा परिणाम 10 वीं के मुकाबले कम बने , हाँलाकि यह मेरे जिन्दगी की हार नहीं है लेकिन कमजोरी जरूर हैं क्योंकि इस साल में मुझे जिन चीजों से रूबरू होना था उनसे नहीं करवाया गया बल्कि सिर्फ उसका आभास करवाया गया ।
हमारा रिवाज यही हो चुका है कि हम अपने बच्चों का परीक्षा परिणाम हमेशा 80-90 % के अंकों में देखना चाहते हैं जो जरूरी नहीं है लेकिन गैर जरूरी भी नहीं ।
निजी विद्यालय भी यही पैन्तरा अपनाते हैं पिछले सालों के परिणाम के आधार पर नये ब