हमने इश्क़ ज़रा ठहर कर किया , हमने चर्चे उनकी शहर भर किया । अपना इश्क़ था ऐसा , की नाराजी में बदल जाए .. उस तरफ शाम हो , तो इधर भी दिन ढल जाए ।। हमने इश्क़ ज़रा संभल कर किया , तारीफ़ भी उनकी बस पल भर किया । हमने तो खुशबू उनकी , पूरी महफ़िल में फैला आए .. उनकी गीत से , सारे जहां का दिल बहला आए ।। हमने इश्क़ उनसे ही छुपा कर किया , पर इश्क़ हुआ तो , ज़माने को बता कर किया ।। ©Koshal Verma love #paper