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हमने इश्क़ ज़रा ठहर कर किया , हमने चर्चे उनकी शहर

हमने इश्क़ ज़रा ठहर कर किया , 
हमने चर्चे उनकी शहर भर किया । 

अपना इश्क़ था ऐसा , की नाराजी में बदल जाए .. 
उस तरफ शाम हो , तो इधर भी दिन ढल जाए ।। 

हमने इश्क़ ज़रा संभल कर किया , 
तारीफ़ भी उनकी बस पल भर किया । 

हमने तो खुशबू उनकी , पूरी महफ़िल में फैला आए .. 
उनकी गीत से , सारे जहां का दिल बहला आए ।।

हमने इश्क़ उनसे ही छुपा कर किया , 
पर इश्क़ हुआ तो , ज़माने को बता कर किया ।।

©Koshal Verma love

#paper
हमने इश्क़ ज़रा ठहर कर किया , 
हमने चर्चे उनकी शहर भर किया । 

अपना इश्क़ था ऐसा , की नाराजी में बदल जाए .. 
उस तरफ शाम हो , तो इधर भी दिन ढल जाए ।। 

हमने इश्क़ ज़रा संभल कर किया , 
तारीफ़ भी उनकी बस पल भर किया । 

हमने तो खुशबू उनकी , पूरी महफ़िल में फैला आए .. 
उनकी गीत से , सारे जहां का दिल बहला आए ।।

हमने इश्क़ उनसे ही छुपा कर किया , 
पर इश्क़ हुआ तो , ज़माने को बता कर किया ।।

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