तुमसे दूर भी होना चाहती हुं , तुम्हारे करीब भी आना चाहती हुं । मैं तुझे सबकुछ बता भी देना चाहती हुं , मगर कुछ कहना भी नही चाहती हुं । तुझे खोने से डरती हुं , मगर तेरा होना भी चाहती हुं मुझे तुझसे नजरें मिलाना भी नही , मगर तेरी इन आंखो में ; देखते भी रहना चाहती हुं मै खुद से साफ कुछ कहती नही तेरे बारें में मगर तुम जब पूछते हो तो न भी नही कह पाती हुं । # kajalife .........