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नफ़रतों के शहर में चालाकियों के डेरे है यहाँ वो लोग

नफ़रतों के शहर में चालाकियों के डेरे है यहाँ वो लोग रहते हैं। जो तेरे मुँह पे तेरे और मेरे मुँह पे मेरे है

©Ashish kant नफ़रतों के शहर में
नफ़रतों के शहर में चालाकियों के डेरे है यहाँ वो लोग रहते हैं। जो तेरे मुँह पे तेरे और मेरे मुँह पे मेरे है

©Ashish kant नफ़रतों के शहर में
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Ashish kant

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नफ़रतों के शहर में #विचार