लॉक डाउन हटा है,संकट नहीं घटा है, बिना मतलब के ही, हाट मत घूमिए। खुद को रखें जी साफ,घर पर नहाइए, नदी किनारे जाकर, घाट मत घूमिए। घूमने को है बहुत,अभी तो समय पड़ा, इधर-उधर कहीं भी, बाट मत घूमिए। लापरवाही आपकी,पड़ जाएगी महंगी, सजाकर अपना ये, ठाट मत घूमिए। #मनहरण_घनाक्षरी_छंद #विश्वासी