एक बार इशारा हवा को मैंने किया उसका असल रुख पता तो मैंने किया उसका दिया ज़ख्म फिर कभी ना भरा कुरेद यादों से फिर हरा जो मैंने किया उसने कितना याद किया क्या मालूम दिनों हफ्तों महीनों सालों मैंने किया मेरे क़ातिल को ढूंढ़ने वालो को बुलाओ क़त्ल मेरा, उनसे जाकर बता दो मैंने किया कभी तस्वीर उठा ली तेरी कभी गुलाब उम्र भर ऐसे गुज़ारा रातो रातो मैंने किया #NojotoQuote #Shayri #Nojotohindi #Thoughts #Quotes #Hindishayri