घूंघट में चाँद रोशनी नहीं होती है चाँद के पास, सूरज की रोशनी से वो चमकता है। घूँघट में छुपा चाँद भी ऐसे ही, दिलबर की नजर पड़ने पे दमकता है। नजर से नजर मिलती है जब, दिलबर का चाँद भी मुस्कुराता है। सुर्ख चेहरे पे हया सी तैर जाती है, घूँघट का चाँद और भी निखरता है। वो चाँद है आसमाँ का, और आसमान पे डूब जाता है। घूँघट में छुपा चाँद है जमीं पे, दिलबर की बाँहों में सिमट जाता है। Fantasy Writer® घूँघट की आड़ में चाँद। #GhoonghatMeChand #कविता #nojoto #दिलबर