लम्हें कभी हाँ में,कभी ना में। कई सुबहें,कई शामें,गुजारी हैं।। तू मूरत है ममता की ऐ-मेरी "माँ"। ये तेरा लाल सदियों से तेरा पुजारी है।। ✍️"Viswa Sachan"✍️ #कई_सुबहें_कई_शामें______Viswa Girish Soumya Jain