विरह वेदना सहस्र रजत रश्मियां गिरती रहीं,मुख कुंतल और नैन पर। साश्रु हृदय हुआ विखंडित, असंख्य विरह वेदना रैन भर।। अर्थ:रजत रश्मियां:चांदी सी किरणे, कुंतल:केश, साश्रु: आंसू से भरा,विखंडित:टूटा हुआ, विरह: बिछड़ना,वेदना:दुख #yqdidi #yqbaba #yqaestheticthoughts #yqquotes #lalitkashyap