ये एहसास भी कितनी अनोखी है ना..... धिरे धिरे हवा का आना और मेरे बाहो में लिपट जाना और सुरज के किरणने मेरे चेहरे को चुमता हुआ गुजर जाता है..... ये हरियालि मेरी खुबसुरती को निखार कर किही दुर सरमाता हुआ गुजर जाता है..... kud se kud ko milana...😌😌