Manmohan Singh क्या कहूँ तुझे ...!!! तु तो एक साज है मेरी खामोशी मेरे अल्फ़ाजों का आगाज है मेरी मासूमियत मे छिपी चेहरे का हमराज है मेरे बंद कमरे का शोर है तु एक सफ़र है मेरी जुस्तजू का फलक मेरी हर तृष्णगी को मिटाता आँखों से बहता वह लहर है... क्या कहूँ तुझे....!!! #अल्फ़ाज़े_बयां 🙂🙂🙂🙂🤨