सोचते कुछ और है, होता कुछ और है, ये हाथ की लकीर, किस लिए है फिर ? जब हम खो देते कुछ और है, और हमे मिलता कुछ और है। ©Diaryreena #Hath#lakir #Lakiro #Kismat Reena Sharma "मंजुलाहृदय" Shashank Tripathi