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ये नहीं कहेंगे मोहब्बत ज्यादा थी, हां जब थी तब थी,

ये नहीं कहेंगे मोहब्बत ज्यादा थी,
हां जब थी तब थी,
तुमसे थी तो सिर्फ तुमसे ही थी,
जज्बात से भरी थी,
रुंधे गले पड़ी थी,
तुमसे थी, तो थी,
हाँ मुह फेर खड़ी थी,
पर तुम्हारे लिए ही अड़ी थी,
सबसे लड़ पड़ी थी,
तुम्हें रोकने की मिन्नतें ना की,
क्योंकि तुमने रूकने की सोच भी नहीं रखी थी,
चली आई बिन लडे़ तकदीर से मैं,
तेरे तकदीर में तस्वीर जो किसी और की देखी थी.....
ये नहीं कहेंगे मोहब्बत ज्यादा थी,
हां जब थी तब थी,
तुमसे थी तो सिर्फ तुमसे ही थी,
जज्बात से भरी थी,
रुंधे गले पड़ी थी,
तुमसे थी, तो थी,
हाँ मुह फेर खड़ी थी,
पर तुम्हारे लिए ही अड़ी थी,
सबसे लड़ पड़ी थी,
तुम्हें रोकने की मिन्नतें ना की,
क्योंकि तुमने रूकने की सोच भी नहीं रखी थी,
चली आई बिन लडे़ तकदीर से मैं,
तेरे तकदीर में तस्वीर जो किसी और की देखी थी.....
dipika1220323181690

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