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उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत, मालूम पड़ता हैं कि

उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत,
मालूम पड़ता हैं कि पानी से जला होगा।
जो बातों की चाशनी में लपेटकर कड़वाहटें घोल रहा है,
वो शख्स न जानें किसका भला होगा।
कहते हैं कि सुन लेता है वो आवाज़ मन की भी,
मैं इतनी ज़ोर से चीखा उसे पता तो चला होगा।



 उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत,
मालूम पड़ता हैं कि पानी से जला होगा।
जो बातों की चाशनी में लपेटकर कड़वाहटें घोल रहा है,
वो शख्स न जानें किसका भला होगा।
कहते हैं कि सुन लेता है वो आवाज़ मन की भी,
मैं इतनी ज़ोर से चीखा उसे पता तो चला होगा।
उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत,
मालूम पड़ता हैं कि पानी से जला होगा।
जो बातों की चाशनी में लपेटकर कड़वाहटें घोल रहा है,
वो शख्स न जानें किसका भला होगा।
कहते हैं कि सुन लेता है वो आवाज़ मन की भी,
मैं इतनी ज़ोर से चीखा उसे पता तो चला होगा।



 उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत,
मालूम पड़ता हैं कि पानी से जला होगा।
जो बातों की चाशनी में लपेटकर कड़वाहटें घोल रहा है,
वो शख्स न जानें किसका भला होगा।
कहते हैं कि सुन लेता है वो आवाज़ मन की भी,
मैं इतनी ज़ोर से चीखा उसे पता तो चला होगा।

उसे नफरतें हैं बारिशों से बहुत, मालूम पड़ता हैं कि पानी से जला होगा। जो बातों की चाशनी में लपेटकर कड़वाहटें घोल रहा है, वो शख्स न जानें किसका भला होगा। कहते हैं कि सुन लेता है वो आवाज़ मन की भी, मैं इतनी ज़ोर से चीखा उसे पता तो चला होगा। #thoughtoftheday #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqdiary #1110thquote