पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हर तरफ धुंआ ही धुंआ है क्योकि मेरा देश जल रहा है बुझा दो हवस की ये ज्वाला चीख चीख कर कह रही है मेरे देश की हर बाला क्यूकी मेरा देश जल रहा है सुलग रही है नफरत की ज्वाला बंद करो आपस मे लडना मौसी और खाला क्यूकी मेरा देश जल रहा है जय हिन्द Payal Singh