कितनी महरूमियां हैं, रंज व ग़म कितने सितम! ज़िंदगी नाम से मंसूब तेरे क्या क्या है! کتنی محرومیاں ہیں رنج و غم کتنے ستم زندگی نام سے منسوب ترے کیا کیا ہے #yqaliem #yqurdu #mahrumiyan #zindgi #yqurduhindipoetry महरूमियां: deprivation मंसूब : related