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तेरी याद मे-संजय "अश्क" तेरी याद मे दुख दर्द के प

तेरी याद मे-संजय "अश्क"

तेरी याद मे दुख दर्द के पल लिखता हूं
जब से टूटा हू टूटकर गजल लिखता हूं।

दुनिया जान जायेगी मेरी बरबादी का फसाना
मै अपने हाल पर आजकल लिखता हूं।

रोज होता है मुझे लोगो का समझाना पर
मै ईश्क मे खूद को पागल लिखता हूं।

सबसे कहता हूं  दिल है मेरा पत्थर का
ओर आंख को अपनी बादल लिखता हूं।

सिने मे दफन है मेरी ख्वाहिशे जज्बात मेरे
मै दिल को अपने श्मशान स्थल लिखता हूं।

मूझे तो ऐसे ही जिने की आदत हो गई है
तू खूश रहे यही दूवां हर पल लिखता हूं।

देख लिया दिल कहीं भी लगता नही सनम
जीवन को तेरी यादो का महल लिखता हूं।

हर काम करता हूं मै आज की तारीक मे 
पर तुझे भूलने की बात को कल लिखता हूं।

संजय "अश्क" बालाघाटी तेरी याद मे
तेरी याद मे-संजय "अश्क"

तेरी याद मे दुख दर्द के पल लिखता हूं
जब से टूटा हू टूटकर गजल लिखता हूं।

दुनिया जान जायेगी मेरी बरबादी का फसाना
मै अपने हाल पर आजकल लिखता हूं।

रोज होता है मुझे लोगो का समझाना पर
मै ईश्क मे खूद को पागल लिखता हूं।

सबसे कहता हूं  दिल है मेरा पत्थर का
ओर आंख को अपनी बादल लिखता हूं।

सिने मे दफन है मेरी ख्वाहिशे जज्बात मेरे
मै दिल को अपने श्मशान स्थल लिखता हूं।

मूझे तो ऐसे ही जिने की आदत हो गई है
तू खूश रहे यही दूवां हर पल लिखता हूं।

देख लिया दिल कहीं भी लगता नही सनम
जीवन को तेरी यादो का महल लिखता हूं।

हर काम करता हूं मै आज की तारीक मे 
पर तुझे भूलने की बात को कल लिखता हूं।

संजय "अश्क" बालाघाटी तेरी याद मे
sanjayashk1740

Sanjay Ashk

New Creator