अगर प्यार धर्म जाति देखकर किया जाता तो हम भी देखकर दिल लगाये होते अब दूरियां बढ़ने लगी सांसे भी चलने से घबराने लगे क्यों ये गलती हुई दिल सोच कर रोने लगा रोक लिया होता खुद को तेरे करीब जाने से क्यो मुझे मालूम न पड़ा दिल तो बच्चा था अभी ये सोचकर दर्द भी अब सहने लगा मिलन की घड़ी तो आयापर मिल न पाये दिल में दर्द जो बेहिसाब भरा था मरहम उन दर्दों पर किसी ने नहीं लगाया मुझे क्या पता था एक दूसरे से लिपट कर हमेशा के लिए बहुत दूर हो जाना ही था तोड़ दिया दिल उसने मेरा हाल भी नहीं जाना ये दुनियां बेरहम थी मेरे दिल के गहराइयों में दबे जख्म को देख भी न पाया दिल तोड़ा तो क्यूं तोड़ा बस इतना तो बता देते सच्ची में कर लेती कोई बहाना पर तुम कोई तो वजह देते ..... __________________🖤🖤🖤🖤🖤🖤 अगर प्यार धर्म जाति देखकर किया जाता तो हम भी देखकर दिल लगाये होते अब दूरियां बढ़ने लगी सांसे भी चलने से घबराने लगे क्यों ये गलती हुई दिल सोच कर रोने लगा