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एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के

एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है

©RAMLALIT NIRALA
  भाई भाई मे बटवारा

भाई भाई मे बटवारा #विचार

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