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मौत जब दस्तक देती है ना तो एक पल की भी मोहलत नहीं

मौत जब दस्तक देती है ना तो एक पल की भी मोहलत नहीं देती
मगर मेरा रब इतना महरबान है की गले में सांस रुकने से पहले यानी जब गल गले  आ जाएं इस वक़्त भी तौबा कि मोहलत देता है मगर हम कितने बदबख्त हैं कि तौबा नहीं करते ।
अल्लाह हमरी तौबा को क़ुबूल फरमाए

©Harun Ali death is कंपलसरी
मौत जब दस्तक देती है ना तो एक पल की भी मोहलत नहीं देती
मगर मेरा रब इतना महरबान है की गले में सांस रुकने से पहले यानी जब गल गले  आ जाएं इस वक़्त भी तौबा कि मोहलत देता है मगर हम कितने बदबख्त हैं कि तौबा नहीं करते ।
अल्लाह हमरी तौबा को क़ुबूल फरमाए

©Harun Ali death is कंपलसरी
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Harun Ali

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