क्षण एक और एकज प्रयास, पल एक एक छनता प्रभास । खिलता मधु उर मधुरम पलाश, रिसता आलय से दिव प्रकाश ।। चित् क्षिति एकात्म खगन निरधार, विचर अतिरेक अलख मयपार । अरध आलोक सकल आधार, उरध स्वःलोक वृन्द अभिसार ।। "एक और क्षण, एक और प्रयास" आपकी रचना के रस से परिपूर्ण एक सुंदर कविता... Rest Untold.. Speechless.. Much Love 😍😍 #alokstates #essentiallydeep #lovequotes #chronicles