Written-by-Falak-Noor मुसाफ़िर है मेरे गली का, मेरा ही पता मुझसे पूछता है,,
लब खामोश है उनकी आँखें सब बोलता है,,
छुपाएँ दर्द जमाने से लोगों से हँस कर बोलता है,,
मुसाफ़िर है मेरे गली का, मेरा ही पता मुझसे पूछता है,,
अक्सर रहों मैं मिल जाते हैं,
मुझे देख कर निगाहें अपनी झुका लेता है,,
एक रोज पुछुगीं उनसे, #Poetry#Love#nojotohindi#nojotopost#pyarpehlibar