Nojoto: Largest Storytelling Platform

आम से है ये शख्स... तुम सा, मुझ सा, भीड़ में यूँ ही

आम से है ये शख्स...
तुम सा, मुझ सा, भीड़ में यूँ ही गुम सा रहता है 
कभी सवाल करू "के चाहते क्या हो?" 
तो हस के मुँह फेर लेता है 

ऐसा क्या है जो छुपा रहा है मुझसे?
ऐसा क्या है जो नज़रे तो बोलती है 
पर अलफ़ाज़... अलफ़ाज़ उसके खामोश से है!

सोचु कभी तो वो मुझ सा ही है
अपने दिल से महरूम तो नहीं
बस इसके टूटने से कुछ डरा-सेहमा सा है 
हाँ वो शख्स मुझ सा है! #deep #deepthoughts #lovequotes #lonelinessisbliss
आम से है ये शख्स...
तुम सा, मुझ सा, भीड़ में यूँ ही गुम सा रहता है 
कभी सवाल करू "के चाहते क्या हो?" 
तो हस के मुँह फेर लेता है 

ऐसा क्या है जो छुपा रहा है मुझसे?
ऐसा क्या है जो नज़रे तो बोलती है 
पर अलफ़ाज़... अलफ़ाज़ उसके खामोश से है!

सोचु कभी तो वो मुझ सा ही है
अपने दिल से महरूम तो नहीं
बस इसके टूटने से कुछ डरा-सेहमा सा है 
हाँ वो शख्स मुझ सा है! #deep #deepthoughts #lovequotes #lonelinessisbliss