शत्रु रचित आतंकव्यूह को अपने निर्यण के वार से भेदो। अविलंब हमें हे मोदीजी अब पीओके उपहार में दे दो।। #modi #modiji #poetry #poems #life #कविता #सेनादिवस शत्रु रचित आतंकव्यूह को अपने निर्यण के वार से भेदो। अविलंब हमें हे मोदीजी अब पीओके उपहार में दे दो।। ✍️अवधेश कनौजिया©