ज़िंदगी न तो ये सोना है,न ये चाँदी है न तो ये सहेली ,न कोई पहेली है ये ज़िंदगी..... ज़िंदगी.....ह...ज़िंदगी.... सात रंगों में गूँथी सी है ये ज़िंदगी..... रंग से रंग न मिले तो ... सौ सौ बल खाती है.... बेचारी बेजोड़ मोहब्बत जाँ से गुज़र जाती है... कभी लबों की लाली ,कभी गालों की बाली कभी तपती दुपहरी,कभी छाँव सी ठंडी... कभी पतझड़ के जैसी,कभी रूखी फीखी है ये ज़िंदगी.. कभी अल्हड़ बेबाक सी खिलती नन्हीं कली.... ये ज़िंदगी..... #yqdidi#yqqyotes#poetry#life#zindgi#hindi poems