वक्त से पहले इंसान कहा बुढ़ा होता है... वो तो अपनों की अपेक्षाएं, रिश्तेदांरो के ताने,माँ-बाप की उम्मीदें, कुछ ख्वाब पुराने, वो पड़ोसियों के सवाल और अंतर्मन का बवाल, ये वो अदृष्य भार हैं जो प्रत्यक्ष रूप से कन्धों पर दिखाई नहीं देते.. परंतु अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य को घुन की भाँति अंदर ही अंदर खोखला कर देता है. --प्रिया शर्मा ©priya sharma # भार...