कोई नहीं है टूटा हूं थोड़ा सा , चूर- चूर हो गया हूं, पर यहां मुझे समेटने वाला , कोई नहीं है। चार ऐसे दोस्त है मेरे पास जिनसे गुम्म बाट संकू , पर गुम्म काटने वाला , कोई नहीं है। जब लरखरा कर गिर जाता हूं , तो बस यह पाता हूं ,, की मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठने वाला , कोई नहीं है। पीछे से खंजर घोपने वाला तो बोहोत है मेरे पास, पर गले लगाने वाला, कोई नहीं है । खुद रोता हूं , खुद हंसता हूं और खुद ही अपने आंसू पोच लेता हूं ,, क्युकी मुझे चुप कराने वाला , कोई नहीं है। मुझे मुझसे ज्यादा चाहने वाला भी ,कोई नहीं है ,, और मै खुश हूं अपनी इस दुनिया में जन्हा , मेरे सिवा और कोई नहीं है।। by - Sakshi Chopra Believe in yourself ☺️ first ❤️