भले रोज मुझसे लड़ना झगड़ना मगर दूर बेटे ,मुझसे न रहना जब से गये हो ,हैं नम मेरी आँखे. जिंदा हैं हम ,हैं थम मेरी सासें आओ न तुम, के बरसती हैं आँखें तुम्हें देखने को, तरसती हैं आँखे भले बात मुझसे कभी भी न करना भले रोज मुझसे लड़ना झगड़ना मगर दूर बेटे मुझसे न रहना लबों की हंसी मेरी ,संग ले गए हो बापू के चेहरे का ,रंग ले गए हो खाने की थाली यूँ हीं पड़ी है जिस दिन से तन्हा तुम कर गए हो आओ न तुम भले कुछ न करना मगर दूर बेटे मुझसे न रहना राजीव मिश्रा #NojotoQuote