माथे की लकीर को हाथों से छुपाकर बैठे हैं ख्वाहिशों के समंदर को यूं जलाकर बैठे हैं फर्श से अर्श तक फैले हैं चर्चे ही चर्चे हमारे शायद अपना दिल अंगारों से लगाकर बैठे हैं ©zarri farha #Shadow of life....