देश और धरती का फर्ज खुद की जरूरतों से कहीं ज्यादा हैं। हम सब ने अपने देश और धरती से आज तक लिया हैं पर आज समय आ गया हैं इन्हे कुछ लौटाने और देने का।। हम सब स्वयं को सुरक्षित रख के अपने देश और धरती को बचा सकते हैं। यहीं हमारी कुर्बानी, यहीं हमारा बलीदान हैं।। Be safe! keep safe! Save the country! Save the earth! Save to self! The country will be save!