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तुझे देखने के पश्चात सारी कायनात व्यर्थ लगती है, ब

तुझे देखने के पश्चात सारी कायनात व्यर्थ लगती है,
बस तू ही तो है जिसके लिए दिल कंपित होता है,
मन भी है प्रफुल्लित मेरा तुझे पाकर,
बिन तेरे जीना मुझे अधूरा लगता है,
मत पूछ तू मेरे लिए क्या है,
बस इतना जान ले तू,
 इस जिस्म की रूह लगता है,
बिन तेरे मैं क्या हूं कैसे समझाऊं तुझको,
"रसिक" तेरे बिन इस फूल जैसा है......! रसिक तेरे बिन...........!
तुझे देखने के पश्चात सारी कायनात व्यर्थ लगती है,
बस तू ही तो है जिसके लिए दिल कंपित होता है,
मन भी है प्रफुल्लित मेरा तुझे पाकर,
बिन तेरे जीना मुझे अधूरा लगता है,
मत पूछ तू मेरे लिए क्या है,
बस इतना जान ले तू,
 इस जिस्म की रूह लगता है,
बिन तेरे मैं क्या हूं कैसे समझाऊं तुझको,
"रसिक" तेरे बिन इस फूल जैसा है......! रसिक तेरे बिन...........!