#Jindagi#Life#Love#ham#Busy#Khuda#SelfMotivation
मैं अर्ज करूं क्या तुझसे,
मुसाफ़िर ही तो है तू भी,
कभी यहां का, कभी वहां का,
क़ैद है क़ाज़ी जहां खुद की अदालत में,
क्या छोड़ दूं मैं उम्मीद क़द्र की, खुद को क़ाबिल बना कर,
अक्सर मिलता हूं मैं आजकल खुद से,
बीच मझधार में साहिल भुला कर ..