-सम्मान की सुरक्षा- अबे टुच्चे लफंगे... इंसान हो ? कदर इंसानियत की तो किया करो यूँ राह चलते हर लड़कियों पर अभद्र कमेंट तो मत किया करो यूँ सड़क किनारे बैठकर तुम दूसरों के बहनों का मजाक बहुत बना रहे हो ये जो भावना सम्मान की सुरक्षा नही कर पा रहे हो फिर अपने बहन के खुशियों की सपने कैसे सजा रहे हो ? दूसरों की अस्मतों को नीलाम करके महफिल तो बहुत सजा रहे हो आज खुद पे बात आई है तो मातम क्यों मना रहे हो ? भूल गये कर्म ही भगवान है प्रमाण फल ही अभिशाप हो जब खुद के संस्कार में ही खोंट हैं तो दूसरों से उम्मीद क्या जता रहे हो ? -Amar anand #अपनी अस्मत